स्वस्थ धरा खेत हरा
SOIL HEALTH CARD
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने 19 फरवरी 2015 में एक योजना शुरू की।
सरकार की इस योजना के अंर्तगत किसानों को soil card दिया जाएगा जिससे किसान जान पायेगा की उसकी खेती की जमीन में किन किन पोषक तत्वों की कमी है और उसे फसल के अनुरूप कौनसी खाद इस्तेमाल करनी है।
इस योजना में मृदा (soil) को देश की विभिन्न लैब में भेजा जाता है । जिसमें उसपर जाँच की जाती है और देश के बड़े बड़े मृदा विशेषज्ञ उस मिट्टी को कमी और खासियत के बारे में जान पाते हैं। इसी निकले निष्कर्ष को soil health card के माध्यम से किसान तक पहुँचाया जाता है।
Soil health card योजना के तहत हर 3 साल में किसानों की मिट्टी का सैम्पल लिया जाएगा और अगले 3 साल तक किसान को उसी कार्ड में लिखी रिपोर्ट के अनुसार अपने खेत पर काम करना होगा ताकि मिट्टी का पोषण बना रहे और फसल की गुणवत्ता अच्छी हो।
Soil health card क्या है?
इस रिपोर्ट में मिट्टी को 12 गुणवत्ता पैमाने पर जांचा जाएगा।
ph, ec, organic carbon,nitrogen, phosphorus, potassium, sulfur,zinc,boron,iron, manganese,copper,
हर 3 साल के अंतराल में होने वाले इस टेस्ट से किसान को फायदा मिलेगा मिट्टी की गुणवत्ता बानी रहेगी और कम लागत में अच्छी फसल प्राप्त होगी।
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किसान किस तरह इसका उपयोग कर सकता है?
हर कार्ड में किसान के लिए उसके खेत की मिट्टी की जांच के अनुरूप परामर्श होगा । इसमे किसान को कुछ निर्देशो का पालन करना होगा कि उसे अपने खेत मे कितनी खाद,कितने कीटनाशक डालने हैं?? फसल की गुणवत्ता और उत्पादन की अधिकता को बनाये रखने के लिये मिट्टी का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है।
मिट्टी के सैंपल कौन लेता है?
भारत सरकार का कृषि अधिकारिक स्टाफ और उनके द्वारा काम पर रखे कर्मचारी खेतो में जाकर सैपल लेते हैं।
Soil health card में जांच के बाद निष्कर्ष किन मुद्दों पर आधारित होगा
- मिट्टी का स्वास्थ्य
- उसकी उत्पादन क्षमता
- किन किन पोषक तत्वों की कमी है
- कौनसे पोषक तत्व मौजूद हैं
- मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने हेतु कौनसे कदम उठाने हैं उसके लिए दिशा निर्देश।
इस योजना का स्ट्रक्चर क्या है
इस योजना को तीन भागों में बांटा गया है
नेशनल लेवल : राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना को चलाने के लिए नैशनल सलाहकार कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी मुख्य योजना बना कर राज्य सरकार को दे दिया करेगी। राज्य सरकार किस तरह काम करती है इसकी निगरानी भी राष्ट्रीय कमेटी करेगी।
स्टेट लेवल : राष्ट्रीय कमेटी के निर्देशों का पालन करने के लिए राज्य सरकार एक कमेटी का गठन करती है इसमें राज्य स्तर पर प्लान बनाये जाएंगे और उनका पालन किया जायेगा । स्टेट लेवल कमेटी योजना को हर डिस्ट्रिक्ट के हिसाब से बांटकर डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी को सौंप देगी।
डिस्ट्रिक्ट लेवल : राज्य सरकार द्वारा डिस्ट्रिक्ट लेवल कमिटी का गठन किया जाएगा और राज्य सरकार के दिशा निर्देश समझाए जाएंगे। डिस्ट्रिक्ट लेवल कमिटी अब सीधा किसानों से सम्पर्क कर उनकी मिट्टी के सैम्पल इकट्ठा कर पायेगी और इस कमेटी को एग्रीकल्चर और हॉर्टीकचर ऑफिसर संचालित करेंगे।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- मृदा को जांच करके मृदा के स्वास्थ का कार्ड उपलब्ध करवाना
- लगभग 14 करोड़ किसानों को इसका लाभ पहुँचाना
- खेत की मृदा के अनुरूप फसल उगाने के लिए प्रेरित करना
- कम लागत में अधिक लाभ कमाने के लिए किसान को प्रक्षिशित करना
यह योजना किस तरह काम करती है?
- योजना के अंतर्गत आपके खेत मे अधिकारी आकर मिट्टी का सैम्पल लेंगे।
- फिर मिट्टी को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा
- मिट्टी की विशेष परिस्थितियों में जांच की जाएगी।
- इसके बाद मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों तथा हानिकारक तत्वों को सूची बनाई जाएगी
- बाद में आपको अपनी मिट्टी को किस तरह गुणवत्तापूर्ण बनाये रखना है इसके लिये उपाय बताए जाएंगे।
- फिर इस रिपोर्ट को रजिस्टर किसान के नाम के साथ ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा
कैसे करें स्कीम के लिए आवेदन
- इस योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- होम पेज पर जाकर आपको लॉग इन को क्लिक करना होगा
- लॉग इन करने के बाद आपके सामने एक पेज़ खुलेगा
- इसमे आपको अपने स्टेट का चयन करना है
- उसके बाद कंटीन्यू के बटन को क्लिक करें
- इस पर आपको रेजिस्ट्रेशन फॉर्म को क्लिक करना है
- इसमे पूछी गई सारी जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट पर क्लिक करना होगा
- रेजिस्ट्रेशन के बाद आपको यूज़र नेम पासवर्ड डालना होगा
- इसके बाद आप मृदा सैम्पल के लिए आवेदन का सकते हैं।
अपना कार्ड कैसे प्रिंट करें?
- सबसे पहले ऑफिशयल वेबसाइट पर जाना होगा।
- होम पेज़ पर आपको farmer corner में प्रिंट के ऑप्शन को क्लिक करना होगा
- इस ऑप्शन को क्लिक करने के बाद आपके सामने नया पेज़ खुल जायेगा।
- इस पेज पर आपको अपनी स्टेट का चयन करना होगा
- इसके बाद आपके सामने एक फॉर्म आएगा आपको उस फॉर्म को भरना होगा। जिसमे आपकी सारी जानकरी माँगी जाएगी
- इसके बाद आपको सर्च के बटन पर क्लिक करना होगा
- क्लिक करते ही आपके सामने आपका मृदा कार्ड आ जायेगा जिसका आप प्रिंट आउट ले सकते हैं।
आप इस वेबसाइट से सैम्पल ट्रेक करने से लेकर पूरा टेस्ट रिज़ल्ट प्रोसेस देख सकते हैं। वेबसाइट को बहुत ही यूज़र फ्रैंडली बनाया गया है जिसमे सरकार द्वारा समय समय पर पूरी जानकारी अपलोड की जाती है।
कुल मिलाकर यह योजना सरकार और कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों के हित मे चलाई जाती है
जिसका लाभ देश के 14 करोड़ किसानों को मिल रहा है।
इसका कुल बजट 568 करोड़ रुपये है। जिससे नए रोजगार का भी अवसर लोगों को मिला है।
किसान को धरा को स्वस्थ बनाकर फसल के उत्पादन और गुणवत्ता में वृद्धि करवाने हेतु इस योजना के तहत समय समय पर प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं।
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