Army Rank List: सेना देश की एक प्रतिष्ठित सेवा है और युवाओं की आकर्षण का केंद्र भी है। सेना के बारे में ज्यादातर सूचनाएं गुप्त रखी जाती है लेकिन युवाओं की जिज्ञासा हमेशा सेना के बारे में कुछ नया जानने के लिए रहती है। आज के इस आर्टिकल में हम सेना के विभिन्न पदों के बारे में आपको बताएंगे तथा यह भी बताएंगे कि आप किस तरह किसी सैनिक के कंधे पर विभिन्न प्रकार के चिन्हों से Army Rank के बारे में पता लगाएंगे।
Army Rank List
दरअसल सेना में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी व अधिकारी किसी ने किसी बैंक के अंदर कार्य करता है। Army Rank List बहुत लंबी होती है तथा इन्हीं के आधार पर इन को मिलने वाली सुविधाएं, वेतन, कार्य आदि निर्धारित किए जाते हैं.
भारतीय सेना में कार्यरत कर्मचारी तथा अधिकारी तीन श्रेणियों में बांटे जा सकते हैं.
- कमिश्नर ऑफिसर(Commissioned Officers)
- जूनियर कमिश्नर ऑफिसर(Junior Commissioned Officers)
- नॉन कमीशंड ऑफिसर(Non Commissioned Officers)
भारतीय सेना में प्रयोग किए प्रदान किए जाने वाले ओहदे तथा कार्य ब्रिटिश काल से प्रेरित हैं, उन्हें जिस नाम से ब्रिटिश काल में जाना जाता था उन्हीं नाम से आज भी आर्मी में जाना जाता है. हम आपके लिए भारतीय सेना में प्रयोग किए जाने वाले सभी पदों की सूची बढ़ते से घटते क्रम की ओर पेश कर रहे हैं.
फील्ड मार्शल (Field Marshal)
यह भारतीय सेना की सबसे बड़ी लाइन है जो बहुत ही दुर्लभ से अधिकारियों को प्राप्त होती है. किस रैंक तक पहुंचने के लिए आयु तथा आय के आधार पर अधिकारियों का निर्धारण नहीं किया जाता अपितु अधिकारियों द्वारा किसी मिशन में फिर आप सफलता के पश्चात ही विशेष रैंकपर उस अधिकारी को स्थान दिया जाता है. अभी तक केवल दो ही भारतीय आर्मी अधिकारियों को यह रंग दी गई है. किस रैंक पर आयुक्त अधिकारी के कंधे पर लगे निशान में एक अशोक चक्र. अशोक सिंह. तथा तलवार का एक क्रॉस बना होता है
जनरल(General)
भारतीय सेना में अधिकारी के तौर पर कार्यरत जवानों को सेवा के अंतिम पड़ाव तक आते-आते जनरल के पद पर आयुक्त कर दिया जाता है. यह भारतीय आर्मी का सबसे सर्वोच्च पद है. इस पद पर अधिकारी 3 साल तक कार्यरत रहते हैं. आमतौर पर 60 से 62 वर्ष की आयु में अधिकारी इस रैंक तक पहुंच जाते हैं. जर्नल पूरी सेना का प्रमुख होता है इसे commander-in-chief कहते हैं. जनरल(General) के कंधे पर लगे निशानों में एक अशोक स्तंभ, अशोक चक्र, 1 स्टार तथा एक क्रॉस लगा होता है.
लेफ्टिनेंट जनरल(Lieutenant General)
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर आसीन इंडियन आर्मी में लगभग 32 वर्ष की सेवा करने के पश्चात किस पद पर पहुंचता है। Lieutenant General के कंधे पर लगे बैच के में एक अशोक चक्र, अशोक स्तंभ तथा एक क्रॉस लगा होता है। लगभग 60 वर्ष की आयु तक पहुंचते-पहुंचते लेफ्टिनेंट जनरल का पद आर्मी अधिकारियों को प्राप्त हो जाता है।
मेजर जनरल(Major General)
मेजर जनरल(Major General) के पद पर पहुंचने के लिए अधिकारियों को लगभग 28 वर्ष तक इंडियन आर्मी में अधिकारी के पद पर कार्यरत रहना होता है। लगभग 58 वर्ष की आयु तक पहुंचते-पहुंचते मेजर जनरल को रिटायर कर दिया जाता है। मेजर जनरल के कंधे पर लगे निशान में एक अशोक चक्र, एक स्टार तथा अंत में एक क्रश लगा होता है।
ब्रिगेडियर(Brigadier)
लगभग 25 सालों तक आर्मी में सेवारत रहने वाले अधिकारियों को अंत में ब्रिगेडियर के पद पर आसीन किया जाता है जिनकी रिटायरमेंट की आयु 56 वर्ष होती है। Brigadier को पहचानने के लिए उसके कंधे पर लगे अशोक स्तंभ के सिक्के, एक अशोक चिन्ह तथा तीन सितारे की पहचान की जाती है।
कर्नल(Colonel)
कर्नल के पद पर पहुंचने के लिए लगभग 26 वर्ष तक इंडियन आर्मी में अधिकारी के पद पर कार्यरत रहना होता है, इसके अतिरिक्त 15 वर्ष कार्य करने के पश्चात अधिकारी कर्नल के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। कर्नल(Colonel) के कंधे पर लगे बैच के अंदर अशोक चिन्ह के साथ 5 मुंह वाले तो सितारे एक रेखा में लगे होते हैं।
लेफ्टिनेंट कर्नल(Lieutenant Colonel)
लेफ्टिनेंट कर्नल(Lieutenant Colonel) के पद पर पहुंचने के लिए लगभग 13 वर्ष कार्यरत होने के पश्चात part D एग्जाम को पास करना जरूरी है. इसके अतिरिक्त इस पद पर पहुंचने के पश्चात ऊपर के अन्य पदों पर भी प्रमोशन होता है. इनकी पहचान कंधे पर लगे अशोक chin तथा पांच हुए सितारे के तौर पर होती है.
मेजर(Major)
लगभग 6 वर्ष तक आर्मी में कार्य करने के पश्चात आर्मी कर्मचारी तथा अधिकारी मेजर के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं जिसके लिए उनको part B एग्जाम को पास करना होता है. उनके कंधों पर लगे निशान के अंदर एक अशोक चिन्ह होता है.
कैप्टन(Captain)
लगभग 2 साल तक कमीशन ऑफिसर के तौर पर काम करने के पश्चात उसको कैप्टन के पद पर प्रमोशन कर दिया जाता है. कैप्टन के कंधों पर लेकर निशानों में तीन सितारे एक ही रेखा में ऊपर से नीचे लगे होते हैं जिनमें से प्रत्येक के पांच किनारे होते हैं.
लेफ्टिनेंट(Lieutenant)
इंडियन आर्मी में अधिकारी के पद पर आसीन होने के पश्चात यह पहला प्रमोशन हो जाए इसमें लेफ्टिनेंट का आर्डर अधिकारियों को दिया जाता है. उनके कंधों पर ले के निशानों में पांच मुंह के दो सितारे एक ही देखा में ऊपर से नीचे की ओर लगे होते हैं.
ऑफिसर कैडेट(Assistant cadet)
भारतीय सेना में अधिकारी की परीक्षा को पास करने के पश्चात IMA के अंदर अधिकारी की ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग लेने वाले इन्हीं उम्मीदवारों को ऑफिसर कैडेट किया जाता है जो ट्रेनिंग लेने के पश्चात लेफ्टिनेंट बन जाते हैं. ट्रेनिंग के दौरान संबंधित संस्थान यह एकेडमी का बैच ऑफिसर कैरेट को अपने कंधों पर लगाना होता है जो ट्रेनिंग खत्म होने के पश्चात वापस हटा लिया जाता है.
जूनियर कमिश्नर ऑफिसर (Junior Commissioned Officers (JCO))
कमिश्नर ऑफिसर के पश्चात अब हम आपके साथ साझा करेंगे जूनियर कमीशन ऑफिसर की रैंक लिस्ट. जूनियर कमिश्नर ऑफिसर की रैंक लिस्ट बी कमीशन ऑफिसर ही की तरह काफी लंबी होती है और इनके कंधों पर भी लगे निशानों से इनको आसानी से पहचाना जा सकता है.
सूबेदार मेजर(Subedaar Major)
34 वर्ष तक आर्मी में सेवा देने के पश्चात आर्मी सैनिकों को सूबेदार मेजर के पद पर पहुंचाया जाता है जो कि 54 वर्ष की आयु तक अपनी सेवा को देते हैं. सूबेदार मेजर के कंधे पर एक अशोक चिन्ह होता है तथा उसके ठीक नीचे एक लाल रंग की पट्टी होती है जिस पर पीले रंग की एक और छोटी पट्टी लगी होती है.
सूबेदार(Subedar)
सूबेदार के पद पर आसीन आर्मी अधिकारी 52 वर्ष की आयु तक अपनी सेवाएं देते हैं तथा इसके बाद रिटायर हो जाते हैं. किस पद पर पहुंचने के लिए इंडियन आर्मी में कर्मचारियों को लगभग 28 वर्ष तक अपनी सेवाएं निरंतर देनी होती है जिसके पश्चात ही उनका प्रमोशन किया जाता है. उनके कंधे पर लगे निशान में पांच मुंह दो सितारे लगे होते हैं जिनके बीच में अशोक चिन्ह लगा होता.
नायब सूबेदार(Nayab Subedaar)
नायब सूबेदार भी लगभग 28 वर्ष की सेवा इंडियन आर्मी में देने के पश्चात इस पद पर पहुंचाया जाता है जो कि 52 वर्ष की आयु तक अपनी सेवाएं भारतीय सेना को देते हैं. कंधे पर पांच मुंह वाला एक सितारा होता है जिसके बीचों-बीच अशोक चिन्ह लगा होता है .इसके साथ ही एक लाल रंग की पट्टी होती है जिस पर पीले रंग की छोटी पट्टी लगी होती है.
नॉन कमीशंड ऑफिसर
हवलदार
भारतीय सेना में लगभग 26 वर्ष तक अपनी सेवाएं देने के पश्चात या लगभग 49 वर्ष की आयु तक पहुंचने के पश्चात हवलदार के पद के लिए प्रमोशन कर दिया जाता है. हवलदार की वर्दी पर 3 chevrons एक के ऊपर एक लगे होते हैं.
नायक
लगभग 23 साल भारतीय सेना में सेवाएं देने या 49 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर सैनिकों को नायक की उपाधि दी जाती है. नायक की वर्दी पर 2 chevrons लगे होते हैं जिनमें लाल और पीले रंग का कॉन्बिनेशन होता है.
लांस नायक
लगभग 18 वर्ष तक लगातार आर्मी में सेवा देने के पश्चात सैनिकों को लांस नायक के पद पर आसीन करा जाता है. उनके कंधे पर1 chevrons लगा होता है.
सिपाही
सिपाही के पद पर आसीन सैनिक 56 वर्ष की आयु तक अपनी सेवाएं देता है इनके कंधे पर प्लेन लगा बेज होता है.
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