One Rank One Pension: हमारे प्रिय साथियों, जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि कैबिनेट ने OROP अर्थात वन रैंक वन पेंशन में संशोधन किया है. जिसका उद्देश्य यह था की सेना के 25.13 लाख पूर्व सैनिकों को लाभ प्राप्त हो सके. साथ ही साथ मंत्रिमंडल ने सरकार की मुफ्त खाद्यान्न योजना का विस्तार करने का भी निर्णय लिया है। आज का हमारा आर्टिकल कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय पर आधारित होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 8,450 करोड़ रूपए अनुमानित अतिरिक्त वार्षिक पेपर सैनिक वृत्ति सैन्य कर्मियों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना को संशोधित किया है। सन 2019 से 30 जून सन 2022 तक एरियर प्रदान कराया जाएगा और संशोधन से लगभग 25.13 लाख सशस्त्र बल पेनशन भोगियों को लाभ भी प्राप्त होगा। जैसा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने घोषणा की है कि 30 जून सन 2019 से पहले सेवानिवृत्ति वाले सशस्त्र बल कर्मियों को इस संशोधन के माध्यम से कवर प्रदान कराया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा की इस प्रकार देश के पूर्व सैनिकों को दिए गए वादों को पूरा करने के लिए मैं प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद करता हूं।
आप इस बात से तो अवगत होंगे कि वन रैंक वन पेंशन के लिए हमारी सेना के दिग्गज काफी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं तथा उसकी मांगे उठा रहे हैं. परंतु पिछली किसी भी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। सन 2014 में जब पीएम मोदी जी सत्ता में आए तो उन्होंने इसके ऊपर विचार विमर्श की प्रक्रिया को प्रारंभ किया जिसके परिणाम में हम वन रैंक वन पेंशन जैसी योजना को देख रहे है। 14 से प्रभावी अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसले पर जानकारी देते हुए घोषणा की –
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एरियर को 4 व छमाही किस्तों में विस्तृत किया जाएगा, लेकिन पारिवारिक पेंशनरों या विशेष रूप से और उदारी कृत पारिवारिक पेंशनरों या वीरता पुरस्कार विजेताओं को एक किस्त में एरियर मिलेगा। इसमें यह बात समझने की है कि बकाया का भुगतान चार छमाई किस्तों में होगा, पेंशन भोगियों परिवारिक पेंशन भोगियों को प्रस्ताव के अनुरूप बढ़ी हुई पेंशन प्राप्त होगी। सरकार की घोषणा के अनुसार पिछले पेंशन भोगियों के पेंशन कैलेंडर वर्ष 2018 में, समान सेवा अवधि के समान सेवा बैंक पर, सेना निवृत्त होने वाले रक्षा बलों के कर्मियों की न्यूनतम पेंशन के औसत आधार पर, एक बार फिर से निर्धारित की जाएगी। इसके माध्यम से पेंशन पाने वाले लोगों की पेंशन को संरक्षण प्रदान किया जाएगा।
आखिर क्या है वन रैंक वन पेंशन योजना ?
One Rank One Pension (वन रैंक वन पेंशन) का सामान्य अर्थ है की सशस्त्र बलों के कर्मियों को समान रैंक और समान अवधि के लिए समान पेंशन का भुगतान करना। इसमें किसी भी प्रकार की सेवानिवृत्ति की तिथि का अर्थ नहीं होता है। अभिप्राय है कि अगर किसी अधिकारी ने 1985 से 2000 तक 15 साल तक सशस्त्र बल में सेवा दी है और एक अन्य 1995 से सन 2010 तक सेवा में रहे हैं, दोनों अधिकारियों को समान रूप से पेंशन प्राप्त कराई जाएगी।
OROP पर कितना लाभ
अब हम यहां पर यह चर्चा करेंगे कि OROP (One Rank One Pension) वन रैंक वन पेंशन के माध्यम से किसको कितना लाभ मिलेगा, साथ हम यह समझने का प्रयास भी करेंगे कि नई पॉलिसी में नया क्या क्या देखने को मिल सकता है। यह देखने में आया है कि लोग लगातार गूगल के माध्यम से इन सवालों के जवाब ढूंढने में कार्यरत हैं. एक दूसरे से इस पर चर्चा कर रहे हैं परंतु फिर भी वे अपनी भाषा में उस जवाब को जानने में असमर्थ है, तो हम आज के अपने इस आर्टिकल में आपको इन दोनों सवालों का आपकी ही भाषा में उत्तर देने का प्रयास करेंगे तो देरी किस बात की चलो आइये इसे देखते हैं-
आपको पहले यह बता दें कि शुक्रवार 23दिसंबर सन 2022 को कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की इस संशोधन प्रक्रिया को मंजूरी प्रदान कर दी है। बैठक की प्रक्रिया के पूर्ण हो जाने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री ठाकुर ने बताया कि इस पेंशन का लाभ पेंशन धारकों के साथ-साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं एवं दिव्यांग पेंशन धारकों भी प्राप्त होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इसके माध्यम से 2500000 (लाख) पेंशन भोगियों को भी इसका लाभ प्राप्त होगा इसी के अतिरिक्त सरकार पर 8500 करोड़ों रुपए का भार भी पड़ेगा।
One Rank One Pension नए परिवर्तन के साथ –
केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय अनुसार, पिछले पेंशन भोगियों की पेंशन समान सेवा अवधि के साथ उसी रैंक में कैलेंडर वर्ष 2018 के रक्षा बल सेवानिवृत्त न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर एक बार फिर से निर्धारित की जाएगी। इससे यह अर्थ निकलता है कि शास्त्र बड़ों से रिटायर समान रैंक वालों के लिए भी समान पेंशन ही होगी। कट आफ डेट (cut off date) की चर्चा करे तो सशस्त्र बलों वह पारिवारिक पेंशनरों की पेंशन को 1 जुलाई 2019 में संशोधित किया गया था।
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